पहले जमाने में ऐसा हुआ करता था कि जंगलों में लोग रहा करते थे और एक गुरु जी भी थे जो जंगल में रहते थे पहले स्कूल कॉलेज नहीं हुआ करते थे शिष्य गुरुकुल में पढ़ा करते थे गुरुकुल में बहुत दूर-दूर से शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे गुरु जी की पत्नी का देहांत हो गया था गुरुजी की एक लड़की थी। गुरु जी की लड़की जवान हो गई थी शादी करने लायक हो गई थी तो उन्होंने एक प्रण किया कि मैं अपनी लड़की की शादी में किसी पैसे वाले से नहीं करूंगा। बल्कि किसी बुद्धिमान के साथ करूंगा।
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धन वाले से नहीं करूंगा केवल बुद्धिमान हो उसी से शादी करवा दूंगा तो उन्होंने एक विचार सोचा और अपने शिष्यों को इकट्ठा किया उन्होंने सोचा कि मैं इनमें से ही कोई ना कोई बुद्धिमान होगा उसे चुन लेता हूं चुनने के बाद में मैं उनमें से एक को अपनी बेटी के लिए चुनुँगा और वह जो सबसे बुद्धिमान होगा तो गुरु जी ने सभी शिष्यों से कहा कि आप लोग चोरी कीजिएगा किसी न किसी रूप में किसी के यहां करिएगा लेकिन कोई आपको ना देख पाए।
सभी शिष्यों ने अपने अपने ढंग से चोरियां करना शुरू कर दिए लोगों के घर से सामान बाहर के सामान को ढूंढना शुरू कर दिए उसके बाद एक शिष्य ने बाहर जाकर सोचने लगा कि मैं कैसे करूं कि मुझे कोई देख ना पाए लेकिन गुरु जी उस बच्चे को देख रहे थे तो अपने दिमाग में अपने माइंड में क्या सोच रहा है और यह चोरी क्यों नहीं कर रहा है लेकिन उस बच्चे ने सोचा कि यदि मैं चोरी करता हूं तो कोई नहीं देखता लेकिन मेरी अपनी अंतरात्मा तो खुद देख रही है मैं अगर चोरी करता हूं तो मैं गुरुजी से क्या जवाब दूंगा कि मेरी अंतरात्मा तो देख रही है फिर गुरुजी ने जाकर पूछा कि बेटा यहां क्यों खड़े हो जा करके अपना काम करो लड़के ने कहा नहीं मैं ऐसा नहीं कर सकता क्योंकि कोई भी चोरी करता है तो उसकी अंतरात्मा देखती रहती है इसलिए मैं नहीं कर सकता।
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इसी प्रकार गुरु जी ने सबसे बुद्धिमान व्यक्ति सबसे बुद्धिमान शिष्य को चुन लिया और अपनी बेटी का विवाह उसी शिष्य के साथ कर देते है और खुशी-खुशी उसकी बेटी उसके घर विदा हो जाती है और गुरु जी अकेले आश्रम में बच्चों को शिक्षा देते हैं और शिक्षा में लीन हो जाते हैं दोस्तों इस कहानी से यही सीख मिलती है कि हमारी अंतरात्मा सब कुछ देखती है। अपनी अंतरात्मा पर अपने आप पर विश्वास करना चाहिए विश्वास करना ही हमारा कर्तव्य होता है अगर विश्वास नहीं करते हैं तो हमारी जिंदगी एक मोड़ से भटक जाती है।
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