परिस्थितियों को दोष मत दो
एक समय की बात है एक गांव में एक गुरु और शिष्य रहते थे एक बार वह टहलने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में प्यास लगी उन्होंने इधर उधर देखा तो झोपड़ी दिखाई दी थी उस झोपड़ी की तरफ बढ़े और देखा कि उसमें से एक आदमी और एक औरत निकली उसके तीन बच्चे फटे पुराने कपड़े पहने हुए बाहर निकले गुरुजी ने कहा क्या पानी मिल सकता है उस आदमी ने गुरु जी को पानी पिलाया और आराम करने को कहा
तो उन्होंने पूछा कि आप क्या करते हैं उस आदमी ने बताया कि मैं कुछ नहीं करता हूं मेरी एक भैंस है उसी में अपनी जीविका चलाते हैं लेकिन गुरु जी ने देखा कि उसकी बहुत बड़े खेत हैं बगल में और उसमें कुछ भी नहीं बोया हुआ था तो उन्होंने तो उन्होंने पूछा यह खेत किसका है आदमी ने बताया मेरा ही खेत है तो गुरु जी ने प्लान बनाया कि आज रात हम यहीं पर गुजारेंगे और सुबह चले जाएंगे उस आदमी ने कहा ठीक है गुरु जी दोनों ने उनकी व्यवस्था कर दी और वहीं पर रुक गए जब आधी रात गुजर गई तो गुरु जी ने कहा कि आज उसकी भैंस को हमे अपने साथ लेकर चलना होगा तो उसने सोचा कि गुरु जी आज मुझे ऐसा गलत काम क्यों करवा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि कुछ नहीं यह सही काम है हम जंगल में छोड़ देंगे
फिर आधी रात को गुरु जी ने उसकी भैंस को लेकर बहुत दूर चले गए और वहां उसे जंगल में छोड़ दिया जहां से वह भैंस वापस ना लौट सके उसके बाद 10 साल गुजर गए 10 साल बाद गुरु जी के शिक्षा उसी तरफ से गुजर रहे थे आलीशान मकान लहलहा देखें जब देखा तो सोचा कि वह आदमी शायद अपना घर द्वार बेचकर चला गया होगा देखा कि वह आदमी बाहर बाहर आया बहुत अच्छा है कपड़ा अच्छा पहना हुआ है तो उसने कहा कि आप हमें पहचान रहे हैं आप वही है जो गुरुजी के साथ आए थे कि हां मैं वही हूं हमारे गुरुजी आपके यहां रुके हुए थे और हम भी रुके थे अच्छा हां उसी दिन हमारी जो है भैंस गायब हो गई थी
हमें पता नहीं चला कि क्या हो गई आज तक नहीं मिली तो हमारा कोई और रास्ता ही नहीं था तो हमने अपने खेतों में काम करना शुरू किया फसल बोना शुरू कर दिया और आज आम की खेती करना शुरू कर दिया और आम हमारा लोग खरीदने लगे जिससे हमारी जीविका चलने लगी और काफी हमारे बच्चे भी पढ़े और उन्हें कपड़ा घर द्वार हमें सब इसी खेत से बना लिया है और अगर भैंस होती तो हम उसी में अपना जीविका चलाते रहते!
दोस्तों इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिलती है परिस्थितियों के लोग दोष देते हैं और ऐसा मत कीजिए यदि आपके पास भी ऐसी कोई भैंस हो तो उसे भी आप छोड़ दीजिए और अपने हर काम को ईमानदारी और सही ढंग से कीजिए अक्सर आप उन्ही में से अच्छा बन सकते हैं उस आदमी की तरह कहीं आप भी गरीबी की ठोकर से जूझ रहे हो इस कहानी को शेयर कीजिए!